आजकल सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल यह है कि हमें इन्वेस्टिंग कैसे शुरू करनी चाहिए ?
यह सवाल बहुत ही डराने वाला है क्योंकि पिछले कुछ सालों में मार्केट बहुत ऊपर गया है। इससे नए इन्वेस्टर्स के मन में यह धारणा बन गई है कि मार्केट में पैसा लगाने से अच्छे रिटर्न्स मिलते हैं। जब लोग इन्वेस्टिंग शुरू करना चाहते हैं, तो उन्हे सबसे पहले ये समझना चाहिए कि वे इन्वेस्टिंग क्यों शुरू करना चाहते हैं।
क्या यह इसलिए है क्योंकि किसी दोस्त या रिश्तेदार ने दावा किया है कि उन्होंने मार्केट से बहुत पैसा कमाया है? या फिर आपने न्यूजपेपर्स में IPO रैली के बारे में पढ़ा है? या सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट्स और कमेंट्री देखी है कि लोग कितना पैसा कमा रहे हैं?
यदि आपका कारण इनमें से कुछ भी है, तो हमारी सलाह है कि आप स्टॉक मार्केट को भूल जाएं।
इस मार्केट से जितना दूर रहोगे, उतना अच्छा रहेगा क्योंकि अगर आप इन्वेस्टिंग गलत कारणों से शुरू कर रहे हैं, तो यह आपको गैंबलिंग और सट्टे की तरफ ले जाएगा, और लंबे समय में आपको नुकसान होगा।
लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि मार्केट में इन्वेस्टिंग नहीं करनी चाहिए। इन्वेस्टिंग के दो सही कारण भी हैं:
- महंगाई से बचाव: औसतन महगाई की दर 6 प्रतिशत प्रति वर्ष है। यदि आप नौकरी करते हैं तो इसका मतलब है की हर महीने आधा प्रतिशत आपकी सैलरी की कीमत महंगाई के कारण कम हो रही है, तो आप इससे बचने के लिए की आपके पैसे की वैल्यू महगाई की वजह से कम ना हो इसलिए इन्वेस्टिंग करना चाहते हैं तो इन्वेस्टिंग सही कदम है। महंगाई के कारण आपके पैसे की कीमत घट रही है, और इन्वेस्टिंग इसे संतुलित कर सकती है।
- लंबी अवधि में अमीर बनना: दुनिया के सबसे अमीर लोग और अमीर होते जाते हैं।क्योंकि वे समझदारी से इन्वेस्ट करते हैं। आप भी चाहते हैं की आपका पैसा आपके लिए काम करे तो आपको इन्वेस्टिंग करनी चाहिए। अगर आप सही कारणों से इन्वेस्टिंग करना चाहते हैं, तो यह सही कदम है।
अगर ये कारण आपके लिए लागू होते हैं, तो आपको इन्वेस्टिंग जरूर करनी चाहिए।
अब बात आती है की इन्वेस्टिंग की शुरुआत कैसे करनी चाहिए ?
शेयर बाजार में निवेश करने का ख्याल आना ही अपने आप में एक अच्छा कदम है, लेकिन असली चुनौती तब आती है जब आपको यह तय करना होता है कि किन शेयरों में निवेश करना चाहिए। इस सवाल का जवाब देने के लिए, हमें कई महत्वपूर्ण बातों को समझना होगा।
1. निवेश शुरू करना
जब हम निवेश शुरू करने के बारे में सोचते हैं, तो हमें यह समझना होता है कि बाजार में कितनी सारी कंपनियाँ और उनके शेयर मौजूद हैं। इन सभी कंपनियों के डेटा को एक साथ चेक करना और उनका विश्लेषण करना एक आम निवेशक के लिए व्यावहारिक नहीं है, खासकर जब आपके पास समय की कमी हो।
2. कंपनियों के चयन का सरल तरीका
कंपनियों का चयन करने के लिए कई एडवांस्ड तरीके हैं, जैसे कि मार्केट कैप, पी/ई रेश्यो, पी/बी रेश्यो, डीसीएफ, और कैश फ्लो का विश्लेषण। ये सभी तरीके फंडामेंटल एनालिसिस का हिस्सा हैं और आपके निर्णय को वेरीफाई करने में मदद करते हैं। लेकिन शुरुआती स्तर पर, आपको सरलता से शुरुआत करनी चाहिए।
एक बहुत ही सरल तरीका है, लेकिन अक्सर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। इसका कारण यह है कि हम बाजार में पैसा कमाने आए थे, लेकिन समय के साथ हमारा उद्देश्य बदल जाता है।
अपनी पसंदीदा कंपनियों में निवेश करें
आपके आसपास की दुनिया को देखिए और सोचिए कि आप किन कंपनियों के उत्पाद रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं। उन कंपनियों में निवेश करने के बारे में सोचें जिनके उत्पाद आप और आपके परिवार वाले नियमित रूप से उपयोग करते हैं।
अपनी कंपनी में निवेश करें
यदि आप किसी कंपनी में काम करते हैं, तो उस कंपनी के बारे में आपका ज्ञान और समझ पहले से ही अच्छी होती है। आप उस कंपनी के बिजनेस मॉडल, प्रोडक्ट्स, और बाजार में उसकी स्थिति के बारे में जानते हैं। इससे आपके लिए निवेश के फैसले लेना आसान हो जाएगा।
आपकी नौकरी और आपके परिवार की नौकरियों से आपको बहुत सारा ज्ञान मिलता है। इस ज्ञान का फायदा उठाकर आप उन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं आप उस कंपनी के बिजनेस मॉडल, प्रोडक्ट्स, और बाजार में उसकी स्थिति के बारे में जानते हैं। इससे आपके निवेश के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि आप उस उद्योग के बारे में जानकारी रखते हैं और कॉन्फिडेंस के साथ पैसा निवेश कर सकते हैं।
3. डायवर्सिफाई करें
निवेश के फेल होने की संभावना को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना। एक या दो शेयरों में पैसा लगाने की बजाय, कई कंपनियों में निवेश करें। इससे अगर एक कंपनी का प्रदर्शन खराब भी हो, तो दूसरे अच्छे प्रदर्शन कर सकते हैं और आपका समग्र रिटर्न बेहतर हो सकता है।
4. ओवरहाइप्ड कंपनियों से बचें
मार्केट में जिन कंपनियों की बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है, वे अक्सर ओवरवैल्यूड होती हैं। ऐसे शेयरों में निवेश करने से बचें क्योंकि ये महंगे होते हैं और इनसे लाभ कमाने की संभावना कम होती है। इसके बजाय, उन कंपनियों पर ध्यान दें जिनकी मीडिया में बहुत चर्चा नहीं हो रही है।
5. हिडन जेम्स की खोज से बचें
बहुत से निवेशक ऐसे शेयरों की तलाश में रहते हैं जो हिडन जेम्स हों और बड़ी सफलता दिला सकें। हालांकि, यह दृष्टिकोण अक्सर नुकसानदायक होता है। बड़ी-बड़ी दावे करने वाली नई कंपनियों से दूर रहें, खासकर यदि उनके पास कोई प्रूवन ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है।
6. इनसाइडर टिप्स से सावधान रहें
अगर कोई आपको अंदर की खबर बताकर किसी शेयर में निवेश करने को कह रहा है, तो सतर्क रहें। अधिकतर ऐसी खबरें आपके लिए नुकसानदायक हो सकती हैं क्योंकि बाजार के प्रोफेशनल्स पहले से ही इन जानकारियों को जानते हैं। अपनी खुद की रिसर्च और समझ पर भरोसा करें।
7. दूसरों को प्रभावित करने के दबाव से बचें
अक्सर, जब हम शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो हम अपने दोस्तों और समाज में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करने लगते हैं। यह सोच हमें हमारे असली उद्देश्य से भटका देती है। हमें याद रखना चाहिए कि हमारा मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना है, न कि दूसरों को प्रभावित करना।
8. शिक्षा और अनुसंधान
निवेश की दुनिया में सफल होने के लिए लगातार सीखते रहना जरूरी है। किताबें पढ़ें और निवेश के बारे में सीखें। कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों में से 3 पुस्तकें :
- The Education of a Value Investor by Guy Spier
- Learn to Earn by Peter Lynch
- The Intelligent Investor by Benjamin Graham
9. डीमेट अकाउंट खोलें
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहले आपको एक डीमेट (Demat) अकाउंट खोलने की आवश्यकता होगी। डीमेट अकाउंट में आपके द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहते हैं। यह अकाउंट खोलने के लिए आपको एक ब्रोकर की सहायता लेनी होगी।
10. डिस्काउंट ब्रोकर्स का चयन
आजकल, कई डिस्काउंट ब्रोकर्स उपलब्ध हैं जो कम शुल्क पर डीमेट अकाउंट खोलने और मैनेज करने की सुविधा प्रदान करते हैं। ये ब्रोकर्स न केवल कम शुल्क लेते हैं, बल्कि उपयोग में भी सरल होते हैं। आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इन ब्रोकर्स के साथ डीमेट अकाउंट खोल सकते हैं:
- Zerodha डीमेट अकाउंट खोलें
- Upstox डीमेट अकाउंट खोलें
- Dhan डीमेट अकाउंट खोलें
- Angel one डीमेट अकाउंट खोलें
डीमेट अकाउंट खोलने के फायदे
- सुरक्षा: डीमेट अकाउंट में आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रहते हैं, जिससे शेयरों के खोने या चोरी होने का खतरा नहीं रहता।
- सुविधा: डीमेट अकाउंट के माध्यम से शेयरों का लेन-देन आसान और तेज हो जाता है।
- कागजी कार्यवाही का अंत: सभी लेन-देन इलेक्ट्रॉनिक होते हैं, जिससे कागजी कार्यवाही समाप्त हो जाती है।
- फ्रीजिंग की सुविधा: आप अपने डीमेट अकाउंट को अस्थायी रूप से फ्रीज कर सकते हैं, जिससे अनधिकृत लेन-देन को रोका जा सकता है।